शास्त्रीय वैदिक विधि से रुद्राभिषेक करवाने के लिए संपर्क करें 8602947815 तंत्राचार्य गोविन्द सिंह To perform Rudrabhishekam with vaidik procedure contact 8602947815 शास्त्रीय वैदिक विधि से रुद्राभिषेक करवाने के लिए संपर्क करें 8602947815 तंत्राचार्य गोविन्द सिंह To perform Rudrabhishekam with vaidik procedure contact 8602947815 शास्त्रीय वैदिक विधि से रुद्राभिषेक करवाने के लिए संपर्क करें 8602947815 तंत्राचार्य गोविन्द सिंह To perform Rudrabhishekam with vaidik procedure contact 8602947815

गृहस्थ जीवन से सम्बंधित शुभ महूर्त

गृहस्थ जीवन से सम्बंधित शुभ महूर्त

नया वाहन खरीदने या घर लाने हेतु शुभ महूर्त

वारसोमवार,  बुधवार, गुरूवार, शुक्रवार
मासक्षय मास, मल मास, अधिक मास त्यागकर
पक्षतिथिकृष्ण पक्ष (1) शुक्ल पक्ष (2,3,5)
नक्षत्रअश्विनी,  मृगशिरा, पुनर्वसु,  पुष्य,  हस्त, चित्रा, स्वाति,श्रवण, धनिष्ठा,   रेवती
लग्नवृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, धनु, मीन

नौकरी करने हेतु शुभ महूर्त

वारबुधवार, गुरूवार, शुक्रवार
मासक्षय मास, मल मास, अधिक मास त्यागकर
पक्षतिथिकृष्ण पक्ष (1,2,3,5,7,,10,13) एवं शुक्ल पक्ष
(2,3,5, 7,10,13,15)
नक्षत्रअश्विनी, मृगशिरा, पुष्य,  चित्रा, अनुराधा, रेवती
लग्नशुभ लग्न/केंद्र त्रिकोण के धनलाभ भाव में शुभ ग्रह/ तीसरे, छठे एवं ग्याहरवें घर में पाप ग्रह शुभ मने जाते हैं

विवाह उपरान्त प्रथम बार वधु प्रवेश

वारसोमवार, बुधवार, गुरूवार और शुक्रवार शुभ हैं
मासक्षय मास, मल मास तथा चैत्र , श्रवण, भाद्रपद, पौष
माघ त्यागकर
पक्षतिथिकृष्ण पक्ष (1) एवं शुक्ल पक्ष
(2,3,5,6,8, 10,11,13,15)
नक्षत्रअश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, उत्तराभाद्रपद,
उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ापुष्य,  हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, श्रवण,धनिष्ठा, रेवती
लग्नस्थिर लग्न/ चतुर्थ स्थान पर शुभ गृह की दृष्टि /
त्रिकोण में शुभ ग्रह/ तीसरे, छठे एवं
ग्याहरवें घर में पाप ग्रह
विशेषअशुभ योग व्यतिपात वर्जित है/ चन्द्र बल होना
आवश्यक

वधु द्वारा पहली बार भोजन बनाने का शुभ महूर्त

वारसोमवार, बुधवार, गुरूवार और शुक्रवार शुभ हैं
मासक्षय मास, अधिक मास, मल मास, क्षय, वृद्धि तिथि त्याग कर
पक्षतिथिकृष्ण पक्ष (1) एवं शुक्ल पक्ष
(2,3,5,6,8,9,12,13,15)
नक्षत्रकृतिका, रोहिणी, मृगशिरा,  पुष्य,  विशाखा, श्रवण, धनिष्ठा, हस्त,  अनुराधा,   रेवती
लग्नशुभ लग्न/ 2,5,8,11 में स्थिर लग्न/ चन्द्र बल शुभ माना गया है

समझौता अथवा विवाद निबटाने हेतु शुभ महूर्त

वारसोमवार, बुधवार, गुरूवार और शुक्रवार शुभ हैं
मास
पक्षतिथिकृष्ण पक्ष (३,5,6,8) एवं शुक्ल पक्ष
नक्षत्रपुष्य, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, अनुराधा
लग्न त्रिकोण में शुभ ग्रह/ तीसरे, छठे एवं
ग्याहरवें घर में पाप ग्रह

सभी प्रकार के शुभ कार्यों हेतु उपयोगी महूर्त

वारसोमवार, बुधवार, गुरूवार और शुक्रवार शुभ हैं
मासक्षय मास, अधिक मास, मल मास त्याग कर
पक्षतिथिकृष्ण पक्ष (1) एवं शुक्ल पक्ष
(2,3,5,8,9,10,11,12,13,15)
नक्षत्रअश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा,आर्दा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेशा, उत्तराभाद्रपद,  उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ापुष्य, श्रवण,धनिष्ठा,  शतभिषा और रेवती
लग्नशुभ लग्न/त्रिकोण में शुभ ग्रह/ तीसरे, छठे एवं ग्यारहवें घर में पाप ग्रह शुभ माने गये हैं./ क्षय मास, क्षय एवं वृद्धि तिथि/ व्यतिपात एवं भद्र कुयोग का विचार आवश्यक है.  बलवान चंद्रमा शुभ माना गया है.

बंटवारा करने हेतु महूर्त शुभ महूर्त

वाररवि, सोम, बुध, गुरु, शुक्र
मासक्षय मास, मल मास, अधिक मास में वर्जित
पक्षशुक्ल पक्ष
तिथियाँद्वितीया, तृतीया, पंचमी,षष्ठी,  सप्तमी,दशमी,त्रयोदशी
नक्षत्रअश्विनी, रोहिणी,मृगशिर, , उत्तराभाद्रपद, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, हस्त, चित्रा, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा,   रेवती
लग्नकुम्भ लग्न को छोड़कर सभी शुभ लग्न

बाग़ बगीचा लगाने हेतु

वाररविवार, बुधवार, गुरूवार, शुक्रवार
मासक्षय मास, मल मास, अधिक मास त्यागकर
पक्षतिथिकृष्ण पक्ष (1, 3,5) शुक्ल पक्ष (2,3,5,7,10, 12,15)
नक्षत्रअश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु,  पुष्य,उत्तराभाद्रपद,
उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ापुष्य,  हस्त, चित्रा,  अनुराधा, शतभिषा,  रेवती
लग्नशुभ लग्न/ शुभ लग्न अस्त न हों/ केंद्र त्रिकोण में
शुभ ग्रह/ चन्द्र बल प्रथम लग्न में,
विशेषभूमि सुषुप्तावस्था में न हो तथा भू सदन हास्य एवं
रजस्वला नहीं हो
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