शास्त्रीय वैदिक विधि से रुद्राभिषेक करवाने के लिए संपर्क करें 8602947815 तंत्राचार्य गोविन्द सिंह To perform Rudrabhishekam with vaidik procedure contact 8602947815 शास्त्रीय वैदिक विधि से रुद्राभिषेक करवाने के लिए संपर्क करें 8602947815 तंत्राचार्य गोविन्द सिंह To perform Rudrabhishekam with vaidik procedure contact 8602947815 शास्त्रीय वैदिक विधि से रुद्राभिषेक करवाने के लिए संपर्क करें 8602947815 तंत्राचार्य गोविन्द सिंह To perform Rudrabhishekam with vaidik procedure contact 8602947815

Rudrabhishek Puja dates 2019

Rudrabhishek Puja dates 2019

शिववास मुहूर्त के अनुसार यहाँ रुद्रभिषेक की  तिथियाँ (Rudrabhishek Puja dates 2019) लिखी  गयी  हैं, मासिक शिवरात्रि शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को भी होती  है जिसे प्रदोष व्रत कहते हैं और उसमे रुद्राभिषेक का विधान है ऐसा हमारे पंचांग कहते हैं | 

वैसे त्रयोदशी तिथि भगवान् शिव को ही समर्पित है परन्तु कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मैं रुद्राभिषेक की सलाह नहीं देता क्योंकि शिववास चक्रानुसार रुद्र देव इस तिथी  पर भोजन करते है, महाशिवरात्रि शिव जी के विशेष दिन के कारण क्षम्य है साथ ही श्रावण मास में तिथि या मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती अतः पूरे श्रावण पर्यंत रुद्राभिषेक कर सकते हैं यदि निस्काम भाव से रूद्राभिषेक किया जा रहा हो तो सकाम रुद्राभिषेक के लिए नीचे दिये गए शिव वास तिथी Rudrabhishek Puja dates से विचार करके रूद्राभिषेक कर सकते हैं |


According to Shivvas Muhurta, the dates of Rudrabhishek (Rudrabhishek Puja dates 2019) are written here, monthly Shivaratri Shukla Paksha is also on Trayodashi which is called Pradosh Vrat and it has the law of Rudrabhishek, it is called our Panchang.

Though Trayodashi Tithi is dedicated to Lord Shiva, but I do not recommend Rudrabhishek to the Trayodashi of Krishna Paksha, because Rudra devas eat on this date according to Shivasa Chakra, Mahashivratri is excusable due to the special day of Shiva ji as well as the date in Shravan month or Muhurta is not required to see, therefore, it can do Rudra-bhisak till the entire Shravan, if it is being done with determination. So can Rudrabhisek consideration by the Shiv habitat dates below to Sacam Rudrabhishek as per Rudrabhishek Puja dates 2019

रुद्राभिषेक महूर्त /RUDRABHISHEK MAHURT 

शिव वास विचार - शिव वास ज्ञान के द्वारा रुद्राभिषेक महूर्त /RUDRABHISHEK MAHURT को ज्ञात करें ,     शिव वास से पता चलता है कि उस समय भगवान शिव क्या कर रहे हैं, उनसे प्रार्थना का कौन सा समय उचित है | रुद्राभिषेक महूर्त /RUDRABHISHEK MAHURT के कब उप्यूग करना आवश्यक होता है, ऐसे अनुष्ठान जिन्हें स्वीकारना भगवान शिव की भक्ति विवशता होती है उनमें शिव वास देखा जाना अनिवार्य होता है, रुद्राभिषेक, शिवार्चन, महामृत्युंजय अनुष्ठान सहित शिव जी के कई अचूक अनुष्ठान होते हैं,
उनकी प्रार्थनायें और उर्जायें भगवान शिव तक पहुंचती ही हैं. इनके लिये पहले से पता कर लें कि शिव जी उस समय क्या कर रहे हैं.
उनकी प्रार्थनायें और उर्जायें भगवान शिव तक पहुंचती ही हैं. इनके लिये पहले से पता कर लें कि शिव जी उस समय क्या कर रहे हैं.·
कहा जाता है भोलेनाथ अपने भक्तों की भक्ति से विवश होकर हर समय उनकी प्रार्थनायें पूरी करने में जुटे रहते थे, जिससे ब्रह्मांड के कामकाज प्रभावित होने लगे |
नारद ऋषि द्वारा रचित शिव वास देखने का रुद्राभिषेक महूर्त /RUDRABHISHEK MAHURT KAफार्मूला समझ लें. उसके अनुसार शिव वास का विचार करें , रुद्राभिषेक महूर्त /RUDRABHISHEK MAHURT का विचार करें |


“तिथिं च द्धिगुणीकृत्य पंचभिश्च समव्रितम।।
सप्तभिस्तुहरेभ्दिग्मशेषं शिव वस् उच्चयते।।
एके कैलाश वासंद्धितीये गौरिनिधौ।।
तृतीये वृषभारूढं चतुर्थे च सभास्थित।
पंचमेंभोजने चैव क्रीड़ायान्तुसात्मके शून्येश्मशानके चैव शिववास वास संचयोजयेत।।“

वर्तमान तिथि को २ से गुणा करके पांच जोड़ें फिर ७ का भाग दें . शेष १ रहे तो शिव वास कैलाश में, २ से गौरी पाशर्व में, ३ से वृषारूड़ श्रेष्ठ, ४ से सभा में सामान्य एवं ५ से ज्ञानबेला में श्रेष्ठ होता है. यदि शेष ६ रहे तो क्रीड़ा में तथा शून्य से शमशान में अशुभ होता है. तिथि की गणना शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से करनी चाहिए. शिवार्चन के लिए शुभ तिथियाँ शुक्ल पक्ष में २,५,६,७,९,१२,१३,१४ और कृष्ण पक्ष में १,४,५,६,८,११,१२,१३,३० के द्वारा रुद्राभिषेक महूर्त /RUDRABHISHEK MAHURT जाने  |


शिववास तिथि एवं फल/SHIV VAAS TITHI EVAM FAL

शिववास तिथि एवं फल/SHIV VAAS TITHI EVAM FAL को समझने के लिए नीचे दी गई जानकारी पढ़ें !

शिववास फलम :-
“कैलाशे च भवेत्सुरुयंगौर्यायांतु शम्भु वदेत।।
वृषभेयश्रिय: प्राप्ति: सभायां वद्ध्रतीकुलम।।
भोजनस्च्वे क्रीड़ा संतपकारक: श्मशानेतुभवेंमृत्यु: शिववास सफलं वदेत।।“

अर्थात ज्योतिष गणनानुसार तिथि को दुगनी करके उसमें 5 को छोड़ दें, फिर 7 के भाग से शेष जो अंक बचे उसके आधार पर शिव निवास ज्ञात करें। 1 आने पर जानिए कि भोलेनाथ कैलाश पर निवास कर रहे हैं, 2 में वे गौरी के साथ हैं, 3 में वृषभ पर विराजमान हैं, 4 में सभा में स्थित हैं, 5 में भोजन कर रहे हैं, 6 में क्रीड़ा में हैं, शून्य में श्मशान में निवास कर रहे हैं।
शिव-वास
·         यह ध्यान रहे कि शिव-वास का विचार सकाम अनुष्ठान में ही जरूरी है... निष्काम भाव से की जाने वाली अर्चना कभी भी हो सकती है |
·         ज्योतिíलंग-क्षेत्र एवं तीर्थस्थान में तथा शिवरात्रि-प्रदोष, सावन के सोमवार आदि पर्वो में शिव-वास का विचार किए बिना भी रुद्राभिषेक किया जा सकता है |
·         रुद्राभिषेक से सारे पाप-ताप-शाप धुल जाते हैं, कृष्णपक्ष की सप्तमी, चतुर्दशी तथा शुक्लपक्ष की प्रतिपदा,
·         अष्टमी, पूर्णिमा में भगवान महाकाल श्मशान में समाधिस्थ रहते हैं। अतएव इन तिथियों में किसी कामना
·         की पूर्ति के लिए किए जाने वाले रुद्राभिषेक में आवाहन करने पर उनकी साधना भंग होती है जिससे
·         अभिषेककर्ता पर विपत्ति आ सकती है। कृष्णपक्ष की द्वितीया, नवमी तथा शुक्लपक्ष की तृतीया व दशमी में महादेव देवताओं की सभा में उनकी समस्याएं सुनते हैं। इन तिथियों में सकाम अनुष्ठान करने पर संताप या दुख मिलता है।
·         कृष्णपक्ष की तृतीया, दशमी तथा शुक्लपक्ष की चतुर्थी व एकादशी में सदाशिव क्रीडारत रहते हैं। इनतिथियों में सकाम रुद्रार्चन संतान को कष्ट प्रदान करते है।
·         कृष्णपक्ष की षष्ठी, त्रयोदशी तथा शुक्लपक्ष की सप्तमी व चतुर्दशी में रुद्रदेव भोजन करते हैं। इन तिथियों में सांसारिक कामना से किया गया रुद्राभिषेक पीडा देते हैं।

Never forget to perform Rudrabhishek Puja  without knowing Rudrabhishek Puja dates in  2019, See carefully Rudrabhishek Puja dates 2019 & perform accordingly.
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